महाराष्ट्र से लौटे बाघ मित्र तब वन विभाग को बाघिन को रेस्क्यू में मिली सफलता
टाइगर रेस्क्यू में बाघ मित्रों की तत्परता ने जीता भरोसा, वन विभाग ने जताया आभार

बाघिन रेस्क्यू में वन विभाग को मिली थी सफलता, बाघ मित्रों ने निभाई अहम भूमिका
टाइगर रेस्क्यू में बाघ मित्रों की तत्परता ने जीता भरोसा, वन विभाग ने जताया आभार
उच्च अधिकारियों के निगरानी में डीडी मनीष सिंह की रणनीति और डीएफओ भरत डीके सहित टीम की मेहनत लाई रंग
पीलीभीत।गुरुवार को वन विभाग ने खकरा नदी के किनारे 11 घंटे चले ऑपरेशन में एक बाघिन को सकुशल ट्रैंकुलाइज कर पकड़ लिया। इस अभियान में जहां वन विभाग की रणनीति और अधिकारियों की सक्रियता दिखी, वहीं बाघ मित्रों की तत्परता और समर्पण भी प्रमुख रूप से सामने आया।न्यूरिया क्षेत्र से बाधिन को गुरुवार शाम खकरा नदी के किनारे ट्रेकुलाइज कर पकड़ लिया गया, गुरुवार सुबह गांव इंडिया में बाधिन की मौजूदगी मिलने के बाद टीमें पहुंची थी।मुख्य वन संरक्षक बरेली वृत के की देखरेख में दस लोगों की टीमों ने संबंधित क्षेत्र में घेराबंदी को।11 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कानपुर से आए डॉक्टर मोहम्मद नसीर ने बाघिन को ट्रेकुलाइज डार्ट चलाकर बेहोश कर पिंजड़े में कैद किया।उच्च अधिकारियों की निगरानी में डीडी मनीष सिंह की रणनीति और डीएफओ भरत डीके सहित टीम की मेहनत लाई रंग।बाघ मित्रों की भी जिम्मेदारी एवं सतर्कता नजर आई क्योंकि 6 दिन पूर्व लगभग 21 सदस्यों की टीम डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के साथ महाराष्ट्र के ताडोबा टाइगर रिजर्व भ्रमण करने गए हुए थे वह बाघ मित्र शनिवार सुबह पीलीभीत वापस हुए इनमें से पांच बाघ मित्र टाइगर मैन ठाकुर कुंवर अतुल सिंह,राजीव कुमार,सनाविल हुसैन अमन कुमार,विनोद कुमार और दयाराम ने आज वापसी होते ही टाइगर से प्रभावित क्षेत्र में पहुंच कर पहले से मौके पर बाघिन को ढूंढ रहे बाघ मित्र,नरेंद्र पाल, चंद्रपाल, महेंद्र पाल,जमुना प्रसाद,श्याम बिहारी,रवि सरोज,अनुकूल सना, जियालाल, जयंत डे,वीरपाल,ओम प्रकाश,प्रेम पाल,लक्ष्मन प्रसाद ने वन अधिकारियों से मिलकर उसे बाघिन को पकड़वाने के लिए काम शुरू कर दिया जिससे यह पता लगता है के कुछ बाघ मित्र वनजीवन के लिए हर समय मुस्तैद रहते हैं।