यूपी

विस्थापित तथा पुनर्वासित किसान मजदूरों को जमीन पर मालिकाना अधिकार देने की घोषणा भेदभाव पूर्ण:देवाशीष राय

विस्थापित तथा पुनर्वासित किसान मजदूरों को जमीन पर मालिकाना अधिकार देने की घोषणा भेदभाव पूर्ण:देवाशीष राय

पूरनपुर,पीलीभीत।पूरनपुर ब्लाक कमेटी की बैठक में बोलते हुए भाकपा माले जिला सचिव कॉमरेड देवाशीष राय ने कहा कि भारत पाक के विभाजन के बाद 1960 के दशक से 70 के दशक तक पूर्वी पाकिस्तान ( बर्तमान बांग्लादेश) से विस्थापित होकर आए हजारों बांग्लाभाषी परिवारों तथा पूर्वांचल से हजारों गरीब किसानों को जिसमें अधिक संख्या में दलित पिछड़े समूह में आते हैं लाकर तत्कालीन सरकार की गवर्नमेंट ग्रांट एक्ट योजना के अनुसार शर्तों के साथ पुनर्वासित कर उन्हें केवल जोतने बोने का आंशिक अधिकार दिया गया मगर जमीन का मालिकाना अधिकार नहीं दिया गया, इसमें भी हजारों परिवारों को जो उसी समय से ही भूमिहीनों की श्रेणी में रहने के लिए मजबूर किया गया ऐसे हजारो परिवार जमीन के एक छोटे टुकड़ों पर काबिज है वे आज भी सरकारी उपेक्षा का शिकार हैं।पिछले करीब 20 साल से भाकपा माले द्वारा उन विस्थापित किसानों को तथा बरसों से काबिज किसान मजदूरों को जमीन पर मालिकाना अधिकार देने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन चलाते आ रहे हैं।भाजपा सरकार द्वारा आजादी के बाद से विस्थापित होकर आए हजारों परिवारों को जमीन पर मालिकाना अधिकार देने की एक शासनादेश 2019 जारी किया गया साथ भाजपा सरकार द्वारा बार बार आश्वासन देने के बाद कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा केवल पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित होकर आए परिवारों को जमीन पर मालिकाना अधिकार देने की आदेश जारी किया मगर पूर्वांचल से लाकर बसाए गए किसानों तथा बरसों से काबिज किसान मजदूरों को जमीन पर मालिकाना अधिकार देने की बात नहीं कही। सरकार यह रवैया भेदभाव पूर्ण है। जबकि इसमें करीब 95 प्रतिशत वोट भाजपा को ही दिया गया तब एक बड़े हिस्से को आखिर क्यों वंचित करने की साजिश रची जा रही है।भाकपा माले को भाजपा सरकार की यह विभाजनकारी नीति स्वीकार्य नहीं है।उन्होंने आगे कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि पूर्वी पाकिस्तान के विस्थापितों के तर्ज पर पूर्वांचल से आए तथा वर्षों से काबिज किसान मजदूरों को जमीन पर पट्टा या नियमितीकरण किया जाए। बैठक मे जिला प्रभारी कॉमरेड अफरोज आलम,ब्लाक सचिव कॉमरेड देवीदयाल, सईद खान,चुन्नन खान,इलियास, आदि मौजूद रहे।

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