प्राथमिक विद्यालय को दूसरे विद्यालय में पेयरिंग की जानकारी लगने पर जताया विरोध
खंजनपुर गांव के अभिभावकों ने वन्यजीव का खतरा बताकर गांव में स्कूल संचालित करने की उठाई मांग

प्राथमिक विद्यालय को दूसरे विद्यालय में पेयरिंग की जानकारी लगने पर जताया विरोध
खंजनपुर गांव के अभिभावकों ने वन्यजीव का खतरा बताकर गांव में स्कूल संचालित करने की उठाई मांग
पूरनपुर,पीलीभीत।प्राथमिक विद्यालय को दूसरे विद्यालय में पेयरिंग किए जाने के की सूचना पर अभिभावकों ने विरोध जताया है। ग्रामीणों का कहना है कि उनका गांव वन्यजीव क्षेत्र से लगा हुआ है,जिससे छोटे बच्चों का दूरस्थ विद्यालय तक आना-जाना सुरक्षित नहीं है।गांव के दर्जनों अभिभावकों ने एकत्र होकर स्कूल को यथास्थान चालू रखने की मांग की। अभिभावकों ने बताया कि विद्यालय बंद होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। उन्होंने चेताया कि यदि जल्द कोई समाधान नहीं निकाला गया तो वे स्कूल परिसर में धरना देने को मजबूर होंगे। ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग से मांग की है कि बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए गांव में ही प्राथमिक विद्यालय को पुनः संचालित किया जाए, ताकि बच्चों को पढ़ाई के लिए जोखिम भरी दूरी न तय करनी पड़े।सेहरामऊ उत्तरी थाना क्षेत्र की ग्राम पंचायत सेहरामऊ उत्तरी के मजरा गांवखंजनपुर के प्राथमिक विद्यालय में पचास से कम छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।शिक्षा सत्र शुरू होने पर स्कूल से रैली निकाली गई और नए नामांकन भी किए गए।अचानक अभिभावकों को गांव के स्कूल को करीब तीन किमी दूर सेहरामऊ गांव के स्कूल से पेयरिंग करने की जानकारी लगी। इससे उनमें नाराजगी पनप गई। सोमवार को दर्जनों अभिभावक बच्चों के साथ गांव के विद्यालय पहुंचे।उन्होंने युग्मन प्रक्रिया का विरोध करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने बताया कि गांव खंजन पुर जंगल से सटा हुआ है। विद्यालय के पेयर होने से छोटे बच्चों को लगभग तीन किमी पैदल चलकर दूसरे विद्यालय पहुंचना होगा। जंगल नज़दीक होने से वन्य जीवों के हमले की आशंका भी रहेगी।अभिभावकों ने अधिकारियों से शीघ्र निर्णय वापस लिए जाने का अनुरोध किया। वही गांव वालों का कहना है कि आधार न होने से कम रह गई छात्र संख्या ग्रामीणों का कहना है कि गांव के में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या पर्याप्त है, लेकिन आधार कार्ड न होने से काफी बच्चे नामांकन से वंचित रह गए। इससे छात्र संख्या घट कर पचास से भी कम हो गई। उन्होंने बताया कि आधार बनवाने में उन्हें काफी दुश्वारियां झेलनी पड़ रहीं हैं। उन्होंने गांव में कैंप लगाकर आधार कार्ड बनाने की मांग की है।प्रदर्शन के दौरान बादाम सिंह, लक्ष्मण सक्सेना,रामस्वरूप, रमेश कश्यप रामनाथ सक्सेना,अजय कुमार,ओमप्रकाश, श्रीराम सहित कई ग्रामीण व बच्चे मौजूद रहे।
गांव में पढ़ने योग्य बच्चों की संख्या तो पर्याप्त है, लेकिन दस्तावेज की कमी उनके भविष्य पर भारी पड़ रही है। अभिभावकों के पास आधार कार्ड और राशन कार्ड न होने की वजह से बच्चों का स्कूल में नामांकन नहीं हो पा रहा है।इस कारण विद्यालय में बच्चों की संख्या पूरी नहीं हो सकी है। ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग से अपील की है कि दस्तावेज़ी अड़चनों को दूर कर बच्चों के नामांकन की व्यवस्था की जाए, ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह सके।
(अनिल कुमार, ग्राम प्रधान)