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पूरनपुर, कलीनगर, माधोटांडा, घुंघचाई, सेहरामऊ,   में फर्जी स्कूलों का मकड़जाल, अवैध कक्षाओं से छात्रों का भविष्य चौपट कर ठगी कर रहे संचालक

पूरनपुर, कलीनगर, माधोटांडा, घुंघचाई, सेहरामऊ,   में फर्जी स्कूलों का मकड़जाल, अवैध कक्षाओं से छात्रों का भविष्य चौपट कर ठगी कर रहे संचालक

नियमों को अनदेखा कर फलफूल रहा अवैध स्कूलों का धंधा, विभाग नहीं दे रहा ध्यान

पीलीभीत। जिला प्रशासन के सख्त आदेशों के बावजूद कलीनगर, माधोटांडा, पूरनपुर, घुंघचाई, सेहरामऊ उत्तरी सहित अन्य गांव में शिक्षा विभाग की मिलीभगत से बिना मान्यता के फर्जी स्कूल बेरोकटोक संचालित हो रहे है। कई स्कूल संचालकों ने पाचवीं और आठवीं की मान्यता होने के बाद भी 10वीं और 12वीं तक की कक्षाएं संचालित कर रखी है तो कई स्कूल छप्परों और तीन शेड में चल रहे है। बिना मान्यता के चल रहे निजी स्कूल संचालकों द्वारा विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। फर्जीबाडा करके संचालित स्कूलों के जानकारी में होने के बावजूद शिक्षा विभाग का रवैया हैरान करने वाला है।आज के जमाने में अपने बच्चों को पढ़ाना बड़ा कठिन हो गया है एक तरफ तो मंहगाई ओर उपर से स्कूलों की मन मानी। सरकार भले ही नई शिक्षा नीति से तमाम परिवर्तन का ढिंढोरा पीट रही हो, लेकिन निजी स्कूलों की निगरानी का कोई तंत्र नहीं है।पूरनपुर तहसील क्षेत्र में बड़ी संख्या में प्राईवेट स्कूल संचलित हो रहे है।कई स्कूल ऐसे है जिनकी मान्यता कक्षा 5 से 8 तक की है। लेकिन ऐसे स्कूलों में हाईस्कूल से इंटर तक कक्षाएं संचालित हो रही है।इन स्कूलों में न तो योग्य शिक्षक हैं, न ही छात्रों को सुरक्षित और आधुनिक शैक्षिक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इसके अलावा, स्कूलों की बुनियादी सुविधाओं की कमी, जैसे साफ-सफाई, उचित शौचालय, खेल-कूद की सुविधाएं और सुरक्षित परिवहन, छात्रों के लिए गंभीर खतरे का कारण बन रहे हैं।सेहरामऊ उत्तरी थाना क्षेत्र में शिक्षा और बच्चों की सुरक्षा दोनों ही बड़े खतरे में हैं। इलाके के जोगराजपुर समेत दर्जनों गांवों में कई प्राइवेट स्कूल सरकारी नियमों को अनदेखा कर धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। शिक्षा विभाग और प्रशासन की मिलीभगत से हाईस्कूल व इंटरमीडिएट तक की कक्षाएं बिना किसी मान्यता के चलाई जा रही हैं।ग्रामीणों के अनुसार, बिना भवन सुरक्षा प्रमाणपत्र, योग्य शिक्षकों, प्रयोगशाला या पुस्तकालय जैसी बुनियादी सुविधाओं के बावजूद स्कूल संचालक मोटी फीस वसूल रहे हैं। सरकारी नियमों को ताक पर रखकर गांव-गांव में अवैध स्कूलों का जाल बिछा दिया गया है, मगर जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं।अभिभावक जानकारी के अभाव और मजबूरी में बच्चों को ऐसे स्कूलों में भेजने को विवश हैं। स्कूलों के साथ-साथ स्कूली वाहनों में भी भारी अनियमितताएं देखने को मिल रही हैं। शनिवार सुबह सेहरामऊ इलाके में एक बड़ा हादसा टल गया, जब शराब के नशे में धुत एक चालक ने स्कूली ईको वैन बिजली के पोल से टकरा दी और वैन खेत में पलट गई। गनीमत रही कि बच्चे बाल-बाल बच गए।गांव-गांव में चल रहे इन मानक विहीन स्कूलों पर आखिर कब शिक्षा विभाग सख्त कार्रवाई करेगा? यह सवाल अब क्षेत्रीय अभिभावकों और सामाजिक संगठनों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।


बिना मान्यता के स्कूलों पर लगातार छापेमारी कार्रवाई की जाती है। अगर क्षेत्र में फर्जी स्कूल और अवैध कक्षाए संचालित हो रही है तो अभियान चलाकर कार्रवाई होगी।

वीरेंद्र विक्रम खंड शिक्षा अधिकारी, पूरनपुर


 

रिपोर्ट- विकास सिंह

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