शारदा नदी ने भूकटान किया तेज, विरोध प्रदर्शन के बाद ग्रामीणों ने बाढ़ नियंत्रण कार्यों की खोली पोल, Video News
भू कटान

शारदा नदी ने भूकटान किया तेज, विरोध प्रदर्शन के बाद ग्रामीणों ने बाढ़ नियंत्रण कार्यों की खोली पोल
राहत बचाव कार्य तेज गति से कराने की लगाई गुहार
पीलीभीत। क्षेत्र में पहली बारिश होने के साथ ही शारदा नदी ने भू कटान करने का सिलसिला फिर से शुरू कर दिया है। चंद दिनों में कई किसानों की फसल समेत जमीन शारदा नदी की भेंट चढ़ चुकी है।और वहीं राहत बचाव कार्य धीमी गति से होने के कारण ग्रामीणों गुस्सा हैं। राहत बचाव कार्य तेज गति से कराने की मांग करते हुए श्रीनगर के किसानो ने शारदा नदी पर विरोध प्रदर्शन किया।
पीलीभीत जनपद की पूरनपुर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत ट्रांस शारदा क्षेत्र में कबीरगंज व श्रीनगर गांवों के सामने शारदा नदी ने पहली बारिश होने के साथ ही भू कटान करने का सिलसिला शुरू कर दिया है।शारदा नदी कहर बरपाती हुई फसलों समेत कृषि योग्य भूमि को लील रही है। जिससे ग्रामीणों में हाहाकार मचा हुआ है।
यहां आपको बता दें कि यह शारदा नदी 1990 से भू कटान करती हुई चली आ रही है।जबकि सरकार राहत बचाव कार्य करने के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च कर चुकी है।और खर्च करती चली आ रही है।इसके बावजूद शारदा नदी किनारे बसे गांवों के लोगों को भू कटान जैसी गंभीर समस्या से मुक्ति नहीं मिल सकी है।वहीं प्राणदायिनी कही जाने वाली इस शारदा नदी ने हजारों एकड़ कृषि योग्य भूमि एंव दर्जनों गांवों का वजूद खत्म कर दिया है। परंतु अब तक सरकारों द्वारा कोई स्थाई समाधान नहीं हो सका है।वहीं हर साल की तरह इस बार भी बरसात के मौसम में शारदा नदी ने ट्रांस शारदा क्षेत्र के अंतर्गत कबीरगंज तथा श्रीनगर गांव के सामने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। जिससे किसानों की भूमि फसलों समेत नदी में समाती जा रही है।किसान बेबसी नजरों से अपनी हो रही बर्बादी को देख रहे हैं।वहीं कटान की विभीषिका को देख कर बुधवार को शारदा नदी किनारे एकत्र होकर बाढ़ खंड के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर राहत बचाव कार्य तेज गति से कराये जाने की मांग की है।विरोध प्रदर्शन कर ग्रामीणों ने कहा कि अगर समय रहते बाढ़ खंड विभाग के द्वारा राहत बचाव कार्य कराया जाता तो उससे नदी कटान को काफी हद तक रोका जा सकता है।विरोध प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने बाढ़ खंड विभाग पर आरोप लगाया कि विभाग बरसात के सीजन में राहत बचाव कार्य कराता है ताकि खानापूर्ति कर बजट को ठिकाने लगाया जा सके।सालों से यही होता चला आ रहा है।जिसके चलते ग्रामीण हर साल उजड़ने को विवश होते हैं।यहां हम स्पष्ट कर दें की अगर समय रहते शारदा नदी द्वारा होने वाली भू कटान को रोकने को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाये गये तो नदी के मुहाने पर बसे गांव भू कटान की जद में आ जायेंगे।जिससे ग्रामीणों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।वहीं विरोध प्रदर्शन करने वालों में मुख्य रूप से पूर्व प्रधान नगीना राम,योगेश कुमार श्रीवास्तव उर्फ़ टुन्ना,राधेश्याम, शिवनंदन, ललित कुमार, अभिषेक शरण,सरवन यादव महेंद्र प्रसाद,राजेंद्र प्रसाद,आशा देवी, आशा देवी रामधन और प्रेमचंद आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।