यूपी

वन्यजीव एवं मानव संघर्ष को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाये जाएं- जिलाधिकारी

-जिला स्तरीय मानव वन्यजीव संघर्ष नियंत्रण समिति की पहली बैठक

वन्यजीव एवं मानव संघर्ष को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाये जाएं- जिलाधिकारी

-जिला स्तरीय मानव वन्यजीव संघर्ष नियंत्रण समिति की पहली बैठक

पीलीभीत।जिलाधिकारी ज्ञानेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में जिला स्तरीय मानव वन्यजीव संघर्ष नियंत्रण समिति की पहली बैठक गुरूवार देर शाम स्थानीय गांधी सभागार में हुई।
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि वन्यजीव एवं मानव संघर्ष को कम करने के लिए समस्त अधिकारियों से पीलीभीत टाइगर रिजर्व की वन सीमा के किनारे स्थित अतिसंवेदनशील ग्रामों के ग्रामीणों को जागरूक करने तथा वन सीमा के किनारे स्थित खेतों में औषधीय फसल उगाये जिससे यहां कि किसानों की आय में वृद्वि हो सके तथा मानव एवं वन्यजीव संघर्ष में कमी लाई जा सके।
उन्होंने कहा कि जंगल से सटे खेतों में किसान अकेले कार्य न करें और खेतों पर समूह में कार्य करे तथा अपने साथ लाठी डण्डे आदि रखें। बच्चों को अपने साथ खेतों पर न ले जाये। बैठक में अवगत कराया गया कि वन सीमा के किनारें स्थित ग्रामों में स्ट्रीट लाइटें लगाने का कार्य किया जा रहा है।
बैठक के आरंभ में प्रभागीय वनाधिकारी पीलीभीत टाईगर रिजर्व मनीष सिंह ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व का इतिहास, संवदेनशील गांव, वनविभाग द्वारा की जा रही कार्यवाही तथा विभिन्न विभागों द्वारा कराये जाने वाले कार्याे के लिए सुझाव दिये। उन्होंने बताया कि हमलों वाले स्थानों को चिन्हित किया गया और ऐसे स्थानों पर तार फेसिंग कराई जा रही है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि वन्य जीव जंगल से बाहर आने सूचना प्राप्त होने तत्काल टीम मौके पर पहुंच कर वन्यजीव का रूख जंगल की ओर किया जाये, जिससे की कोई अप्रिय घटना न घटित होने पाए। इसके साथ शिक्षा विभागों को निर्देशित किया गया वन क्षेत्रों के ग्रामों में वन्यजीव एवं मानव संघर्ष की रोकथाम हेतु विद्यालयों में जागरूकता अभियान चलाया जाये।
बैठक में जिलाधिकारी ने ड्रोन कैमरा, थर्मल ड्रोन, कैमरा टेªप, एनाइडर, जीपीएस मशीनों का प्रयोग, नाईट विजन वायनाकुलर की जानकारी ली एवं एमस्ट्राइपस बेस पेट्रोलिंग एवं आधुनिक तकनीकी के माध्यम से निगरानी रखने के निर्देश दिये। बैठक में पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने कहाकि घटना होने के समय पुलिस तो वहां मौजूद रहेगी साथ ही वन विभाग के अधिकारी तथा कर्मचारियों को मौके पर भेजा जाए। पुलिस अधीक्षक ने राजस्व, पुलिस तथा वन विभाग द्वारा संवेदनशील गांवों में संयुक्त चौपाल लगाये जाने को कहा।
वन्यजीव एवं जैव विविधता संरक्षण समिति के महासचिव डॉ.अमिताभ अग्निहोत्री ने सुझाव दिया कि पीलीभीत जिले में आठ रेंज है, इसमें प्रत्येक में एक रेस्क्यू वैन होनी चाहिए। उन्होंने जिलाधिकारी से आग्रह किया कि वे इस पर शासन को पत्र लिख दे। इसके अलावा पीलीभीत टाईगर रिजर्व में फील्ड डायरेक्टर की 2018 से स्थायी नियुक्ति नहीं है। वर्तमान में 31 मई से कोई भी फील्ड डायरेक्टर नहीं है। इसके लिए शासन को लिखा जाए। इसके अलावा टाईगर रिजर्व में फील्ड स्टाफ के रिक्त पदों को भरा जाए। साथ ही आने वाले दिनों के लिए माला नदी का सूखना एक बडा खतरा हो सकता है। क्योंकि यह जंगल की लाइफ लाइन है। इस पर जिलाधिकारी ने कार्यवाही का आश्वासन दिया।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी राजेंद्र कुमार श्रीवास, वन वन्यजीव प्रभाग के प्रभागीय निदेशक भरत कुमार डीके, अपर जिलाधिकारी (वि./रा.) ऋतु पूनिया, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.आलोक कुमार, अधिशासी अभियंता विद्युत पंकज भारती, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अमित कुमार सिंह, जिला गन्ना अधिकारी खुशीराम भार्गव, जिला कृषि अधिकारी नरेंद्र पाल, जिला पंचायत राज अधिकारी रोहित भारती, विश्व प्रकृति निधि के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी नरेश कुमार, उप प्रभागीय अधिकारी पूरनपुर रमेश चौहान, उपप्रभागीय वनाधिकारी पीलीभीत अंजनी कुमार श्रीवास्तव, जिले की आठ वन क्षेत्रों के वन क्षेत्राधिकारी उपस्थित रहे।
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