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प्रशासन ने सपा कार्यालय कराया खाली, कार्यकर्ताओं ने जमकर काटा हंगामा

प्रशासन ने सपा कार्यालय कराया खाली, कार्यकर्ताओं ने जमकर काटा हंगामा

पीलीभीत।समाजवादी आवास पर नगर पालिका ने अपना ताला लगा दिया।पेेन्टर से सपा कार्यालय का नाम मिटवाया गया।समाजवादी कार्यालय सरकारी जगह पर बना हुआ था,जिसे खाली करने के लिए प्रशासन ने 16 जून तक का समय दिया था।
इसके बाद भी सपा नेताओं ने कार्यालय को खाली नहीं किया था। बुधवार सुबह 7 थानों की फोर्स 200 पुलिसकर्मियों से ज्यादा) मौके पर पहुंची। इस दौरान पुलिस और सपा कार्यकर्ताओं में नोकझोंक भी हुई। पुलिस ने विरोध कर रहे 36 सपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है।समाजवादी पार्टी कार्यालय नकटादाना पर स्थित अधिशासी अधिकारी (ईओ) के आवासीय परिसर में कई बर्षो से चल रहा था। प्रशासन ने कार्रवाई से पहले सपा जिलाध्यक्ष को नोटिस दी थी।इसके बाद भी कार्यालय खाली न करने पर प्रशासन ने बुधवार को एक्शन लिया।इससे एक सप्ताह पहले भी 50 पुलिस अफसर, पांच थानों के 200 पुलिसकर्मी और एक कंपनी पीएसी कब्जा हटवाने सपा कार्यालय पहुंची थी। तब पार्टी कार्यकर्ताओं ने 6 महीने का समय मांगा था, जिसके बाद उन्हें 16 जून तक का समय दिया गया था।सिटी मजिस्ट्रेट विजयवर्धन तोमर ने बताया सपा कार्यालय सालों से अवैध रूप से संचालित हो रहा था। यह भवन नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी आवास के रूप में दर्ज है। पहले ही नोटिस देकर इसका आवंटन रद्द किया जा चुका था।नोटिस का समय खत्म होने के बाद नगर पालिका ने नियमानुसार परिसर को अपने कब्जे में लिया है।जिला अध्यक्ष जगदेव सिंह ‘जग्गा’ ने बताया,इन्होंने सपा कार्यालय को खाली करवाया है। ये अत्याचारी सरकार है।हम लोगों का कार्यालय खाली करवाया है। इन लोगों के जिस तरह के कारनामे हैं। जिस तरह से इन लोगों ने जमीनें कब्जाई हैं, अपने बड़े-बड़े महल बनवाए हैं। उनकी रजिस्ट्रियों की जांच कराकर सपा भी इनके साथ ऐसा ही व्यवहार करेगी।नगर पालिका ने 2005 में अधिशासी अधिकारी (ईओ) आवास को सपा कार्यालय के लिए डेढ़ सौ रुपए मासिक किराए पर आवंटित किया था। इसके बाद 12 नवंबर 2020 को यह आवंटन रद्द कर दिया गया। इसके पीछे की वजह आवंटन का निर्धारित प्रक्रिया के तहत ना होना बताई गई।पुर्व सपा जिलाध्यक्ष आनंद सिंह यादव ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसे 1 दिसंबर 2020 को उन्होंने खुद ही वापस ले लिया।इसके बाद सपा ने 2021 में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में याचिका डाली,जो अब भी विचाराधीन है।सपा कार्यकर्ताओ का कहना है कि मामला विचाराधीन है। इसे लेकर अब तक कोई अंतरिम आदेश नहीं आया है, जिससे पालिका को कब्जा हटाने से रोका गया।तीन दिन पहले नगरपालिका ने कार्यालय के गेट पर नोटिस चस्पा किया था। 16 जून तक कार्यालय खाली करने को कहा था।सिटी मजिस्ट्रेट विजयवर्धन तोमर ने बताया कि सपा कार्यालय लंबे समय से अवैध रूप से संचालित हो रहा था, क्योंकि यह भवन वास्तव में नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी आवास के रूप में दर्ज है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इसका आवंटन पहले ही रद्द किया जा चुका था, और नोटिस का समय खत्म होने के बाद नगर पालिका ने नियमानुसार परिसर को अपने कब्जे में लिया है।

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