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पुल बंद होने से ग्रामीणो व पर्यटकों को लम्बी दूरी करना पड़ रही है तय,व्यापार मे आयी गिरावट

पुल बंद होने से ग्रामीणो व पर्यटकों को लम्बी दूरी करना पड़ रही है तय,व्यापार मे आयी गिरावट
पूरनपुर।पीलीभीत।पुल दरारें आने से अब ब्रिटिश पीरियट में बने दो पुलों पर आवागमन बंद किया जा चुका है। बचे हुए पुलों पर भी खतरा मंडरा रहा है। मरम्मत के लिए अभी तक सिंचाई और लोक निर्माण विभाग ने प्रस्ताव भेजकर अपना पल्ला झाड़ लिया है। प्रमुख मार्ग होने से पर्यटन को भी नुकसान होगा। अंतर्राज्यीय व पड़ोसी जिलों को जोड़ने वाला मार्ग बंद होने से विकास कार्य प्रभावित होंगे। सिचाई विभाग खानापूरी के लिए बचे हुए पुलों पर हाटगेट लगाकर कर रहा है। इससे व्यापार भी प्रभावित होगा। अब बड़े वाहनों को कई किलोमीटर लंबी दूरी से सफर तय करना पड़ेगा।कलीनगर और पूरनपुर तहसील क्षेत्र में बहने बाली हरदोई ब्रांच नहर के पुल वर्ष 1925 में बनाए गए थे। इन पुलों से पड़ोसी प्रदेश उत्तराखंड व देश नेपाल और जनपदों के लिए आवागमन होता है। देश दुनिया में पहचान बना चुके पीलीभीत टाइगर रिजर्व में भी इन्हीं पुलों से होकर जाना पड़ता है। टाइगर रिजर्व में भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर से पर्यटक पहुंचते हैं। कुछ पर्यटक सामूहिक रूप से बड़े वाहनों से भी आते हैं। उत्तराखंड से मोरंग, बजरी, सरिया सीमेंट सहित भारी बाहनों का इन्ही पुलों से गुजरना होता है। तीन माह पहले डगा पुल में दरार आने के बाद इसे बंद कर दिया गया था। सिचाई और लोक निर्माण विभाग ने शासन को प्रस्ताव भेजकर अपना पल्ला झाड़ लिया था। अब बाहनों का आवागमन कलीनगर पुल से शुरू हो गया था। तीन दिन पहले दरार आने के बाद कलीनगर पुल को भी आनन फानन में दीवार उठाकर बंद कर दिया गया था। नए पुलों को निर्माण कब होगा किसी को जानकारी नही है। बल्कि चित्तरपुर पुल से ही सारा ट्रैफिक डायवर्ड कर दिया है। भारी वाहनों को रोकने के लिए पुल के दोनों सिरों पर हाईट गेट भी बना दिया गया है। इससे हत्के वाहन ही गुजर सकेंगे। दोनों पुल बंद होने के बाद क्षेत्र के विकास में भी काफी फर्क पड़ेगा।
शासन में लटका पुल निर्माण का प्रस्ताव 
तीन माह पहले सिंचाई और लोक निर्माण विभाग ने दोनों पुलों के निर्माण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था। जनप्रतिनिधियों और अफसरों की अनदेखी से पुलों का निर्माण कार्य एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सका है। अगर शासन स्तर पर इसकी पैरवी होती तो अब तक पुल निर्माण प्रक्रिया आगे बढ़ सकती थी। स्थानीय लोगों का कहना है पुल निर्माण में बरसों लग जाएंगे।बरसात में बहुत दिक्कत होगी।
दुगनी दूरी के साथ बढ़ेगी महंगाई
माधोटांडा से डगा पुल खटीमा मार्ग 30 किलोमीटर है। अब चित्तरपुर, लालपुर और झनकईया पुलों पर हाटगेट लगने से उत्तराखंड से मोरिंग, बजरी सहित अन्य माल बाहक बाहनों को पीलीभीत होकर माधोटांडा, जमुनिया, कलीनगर पहुंचना होगा। ऐसे में 30 किलोमीटर की दूरी अब 60 किलोमीटर हो जाएगी। लंबी दूरी होने पर किराया भी बढ़ेगा। महंगाई का सीधा प्रभाव जनता पर पड़ेगा। सड़कों के निर्माण के लिए पत्थर सहित अन्य सामग्री आने में विलंब होने से विकास कार्य भी प्रभावित होंगे।
हम लोगों ने अप्रैल में डगा पुल में दरार आने के बाद शासन को कार्य योजना बनाकर भेजी थी। इसमें कलीनगर का पुल भी शामिल है। 100 साल हो गए हैं। वैसे एक पुल की लाइफ 70- 75 साल होती है। नए पुल का निर्माण सेतु निगम कराएगा। इसे कार्य योजना में शामिल किया गया है। अनुमोदन होने के बाद एस्टीमेट बनेगा फिर पुलों का निर्माण शुरू हो जाएगा।
राजेश कुमार ई ई, पीडब्लूडी
दोनों पुलों का नया निर्माण होगा। प्रस्ताव पहले ही भेजा जा चुका है। पुलों का निर्माण पीडब्लूडी करायगा। उनकी ही सड़क है। अन्य पुलों से बड़े बाहनों को रोकने के लिए हाइट गेट लगवा दिए गए हैं।
अशोक कुमार सिंह
सहायक अभियंता हैड वक् र्स खंड शारदा खंड बरेली

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