यूपी

मंडल स्तरीय अधिवक्ता सम्मेलन सम्पन्न, अधिवक्ता हितों को लेकर 11 सूत्रीय प्रस्ताव पारित

मंडल स्तरीय अधिवक्ता सम्मेलन सम्पन्न, अधिवक्ता हितों को लेकर 11 सूत्रीय प्रस्ताव पारित

पीलीभीत।सिविल बार एसोसिएशन पीलीभीत के तत्वावधान में तथा संयुक्त बार एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश, लखनऊ के सहयोग से शुक्रवार को एक मंडल स्तरीय अधिवक्ता सम्मेलन का आयोजन सिविल कोर्ट पीलीभीत के सभागार में किया गया। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन की अध्यक्षता सिविल बार एसोसिएशन पीलीभीत के अध्यक्ष श्री विवेक पांडेय एडवोकेट ने की, जबकि कार्यक्रम का प्रभावशाली संचालन संस्था के महामंत्री मोहन गिरी गोस्वामी एडवोकेट द्वारा किया गया। सम्मेलन की कार्यशैली, अनुशासन और मुद्दों की गहन प्रस्तुति में उनके कुशल संचालन की सराहना की गई।इस अधिवक्ता सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के लगभग 12 जिलों की जिला एवं तहसील बार एसोसिएशनों के अध्यक्ष, महामंत्री अथवा उनके नामित प्रतिनिधिगण शामिल हुए। बैठक में अधिवक्ता समाज से जुड़े विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर गंभीरता से विचार किया गया, जिसके पश्चात सर्वसम्मति से 11 प्रमुख प्रस्ताव पारित किए गए।बैठक में अधिवक्ताओं की सुरक्षा को लेकर मुख्य रूप से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही अधिवक्ताओं की हत्याओं पर सरकार गंभीर नहीं दिख रही है, अतः एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।सम्मेलन में यह भी मांग उठाई गई कि अधिवक्ता न्यायिक प्रक्रिया के मुख्य स्तंभ होते हुए भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। इसलिए सभी न्यायालय परिसरों में अधिवक्ताओं के लिए व्यवस्थित चैम्बर और वाहन पार्किंग की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाए।न्यायालयों में कर्मचारियों की भारी कमी और न्यायिक अधिकारियों की अनुपलब्धता के कारण बढ़ते निजी हस्तक्षेप को भी गंभीर मुद्दा मानते हुए प्रस्ताव पारित किया गया कि शीघ्र नियुक्तियाँ की जाएं और न्यायालय परिसर में पारदर्शिता के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।युवा अधिवक्ताओं को 7 वर्षों तक ₹15,000 मासिक स्टाइपेंड और 65 वर्ष से ऊपर के वरिष्ठ अधिवक्ताओं को ₹10,000 मासिक पेंशन दिए जाने की मांग भी सर्वसम्मति से पारित हुई। साथ ही सभी अधिवक्ताओं के लिए ₹10 लाख का स्वास्थ्य बीमा और मृत्यु के उपरांत ₹20 लाख की टर्म पॉलिसी का प्रावधान किए जाने की मांग रखी गई।इसके अतिरिक्त, अधिवक्ताओं की भूमिका और समर्पण को देखते हुए राज्यसभा एवं विधान परिषद में उनके लिए सीटें आरक्षित किए जाने, बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में प्रत्येक जनपद से प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने हेतु अधिवक्ता अधिनियम 1961 में संशोधन तथा अधिवक्ता कल्याण निधि की राशि से 50% हिस्सा बार एसोसिएशनों को दिए जाने संबंधी प्रस्ताव भी पारित किए गए।बैठक के अंत में यह निर्णय लिया गया कि सभी बार एसोसिएशन इन प्रस्तावों को अपनी साधारण सभा में अनुमोदित कर उसकी प्रति संयुक्त बार एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश, लखनऊ को भेजेंगे, ताकि अधिवक्ताओं के हित में इन पर प्रभावी कार्रवाई कराई जा सके।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!