मुहर्रम महीना अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने और सच्चाई के मार्ग पर चलने की शिक्षा देता है:हाफिज फिरोज
सच्चाई की राह पर चलने वालों की कभी नही होती हार

मुहर्रम महीना अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने और सच्चाई के मार्ग पर चलने की शिक्षा देता है:हाफिज फिरोज
सच्चाई की राह पर चलने वालों की कभी नही होती हार
पूरनपुर,पीलीभीत।पंचायत जदौपुर गहलुईया शरीफ़ में शांति के साथ मुहर्रम मनाया ज़िकरे हुसैन रदियल्लाहु अन्हु हुआ
10 मुहर्रम,61 हिजरी,680 ई, में कर्बला के मैदान में हज़रत इमाम हुसैन रदियल्लाहु अन्हु 72 साथियों के शहीद हुए उसे आज कई सौ बर्ष बाद भी दुनिया याद करती है, और हमेशा याद करती रहेगी इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना हज़रत इमाम हुसैन रदियल्लाहु अन्हु और उनके 72 साथियों की कर्बला में दी गई शहादत की याद दिलाता है 10 मुहर्रम को इमाम हुसैन रदियल्लाहु अन्हु ने यज़ीद के फोजों के ख़िलाफ़ भूखें प्यासे जंग लड़ते हुए इब्ने जियाद के सरदार शिमरा के हाथों शहादत पाई।करबला की इस ऐतिहासिक घटना को जीवित रखने के लिए मुहर्रम का सोग मनाया जाता है जो सच्चाई, इंसाफ और कुर्बानी की मिसाल है।मुहर्रम का पाक महीना हमें हज़रत इमाम हुसैन रदियल्लाहु अन्हु और उनके साथियों की कुर्बानियों से प्रेरणा लेने का अवसर देता है उन्होंने इस्लाम की हिफाज़त और हक़ की राह पर चलने के लिए अपनी जान,परिवार और हर सुख को कुर्बान कर दिया यह महीना हमें सिखाता है के न इंसाफी के खिलाफ आवाज बुलंद करनी चाहिए चाहें इसके लिए कितनी भी बड़ी क़ीमत चुकानी पड़े।मुहर्रम का संदेश आपसी भाईचारे मोहब्बत अपने दीन व ईमान की हिफाज़त का पाठ पढ़ाता है यह हमें सब्र हिम्मत और मुश्किलों में डटकर मुकाबला करने का हौसला देता है।हज़रत इमाम हुसैन रदियल्लाहु अन्हु की शहादत याद दिलाती है सच्चाई की राह पर चलने वालों की कभी हार नहीं होती है।