यूपी
जांच:सुआबोझ मे विकास कार्यों के नाम पर लाखों के घोटाले की जांच
पंचायत मे जांच करने जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक

जांच:सुआबोझ मे विकास कार्यों के नाम पर लाखों के घोटाले की जांच
पंचायत मे जांच करने जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक
निष्पक्ष जांच होने से कईयों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है
पूरनपुर,पीलीभीत।पंचायत में विकास कार्यों के नाम पर लाखों के घोटाले की जांच जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक ने पहुंचकर की है।इस दौरान वर्तमान और पूर्व में तैनात रहे तीन सचिव मौजूद रहे।ग्राम प्रधान के तीन माह पहले ही वित्तीय अधिकार सीज हो चुके हैं।गांव में कमेटी न बनने से विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं। निष्पक्ष जांच होने से कईयों पर गाज होना तय माना जा रहा है।
पूरनपुर तहसील क्षेत्र के सुआबोझ गांव कुछ लोगों ने 20 सितंबर 2024 को गांव में विकास कार्य के नाम पर घोटाले की शिकायत की थी। इसमें हेडपंप, ठेली मरम्मत, मिट्टी भराव मनरेगा योजना सहित अन्य विकास कार्यों के नाम पर ग्राम प्रधान व सचिवों ने ग्राम निधि के 16 लाख रुपए का घोटाला करने का आरोप लगाया था।मामले में जिला अधिकारी संजय कुमार सिंह ने दो सदस्यीय टीम गठित की थी। प्रारंभिक जाँच में प्रधान व पूर्व सचिव और मौजूदा सचिव पर साठगांठ कर 239782 रुपये की धनराशि दुरुपयोग पाया गया था। डीपीआरओ ने जांच में दोषी मिले दो तत्कालीन सचिवों का जवाब तलब किया था। प्रधान का जवाब संतोषजनक न मिलने पर तत्कालीन डीएम ने वित्तीय अनियमिताओं का दोषी मानते हुए अप्रैल में ग्राम प्रधान बाबूराम के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों पर रोक लगा दी थी। बुधवार मामले में जिला ग्राम्य विकास अभिकरण परियोजना निदेशक पवन कुमार सिंह ने आरोपो की जांच की है। इस दौरान वर्तमान सचिव विजय कुमार के अलावा तत्कालीन सचिव महेंद्र सिंह, नागेंद्र कुमार, धर्मेंद्र कुमार वर्मा मौजूद रहे। बताया जा रहा है निष्पक्ष जांच में कईयों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।
गांव में विकास कार्य ठप
प्रधान बाबूराम के अधिकार सीज होने के बाद कमेटी गठित न होने से विकास कार्य ठप पड़े हैं।ग्रामीणों ने वार्ड मेम्बर में कार्यवाहक प्रधान नियुक्त करने की मांग की है।इससे गांव में विकास कार्यों को गति मिल सके।