हिन्दू महासभा की शिकायत पर राज्यमंत्री एवं डीएम ने किया ब्रह्मचारी घाट का निरीक्षण

हिन्दू महासभा की शिकायत पर राज्यमंत्री एवं डीएम ने किया ब्रह्मचारी घाट का निरीक्षण
पीलीभीत।जनपद के ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण ब्रह्मचारी घाट के सौंदर्यीकरण व निर्माण कार्य में लापरवाही, अनियमितता और संभावित भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर अखिल भारत हिन्दू महासभा ने कड़ा रुख अपनाया था। संगठन ने इस संबंध में 13 जून को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए इन कार्यों की उच्च स्तरीय तकनीकी जांच कराने की मांग की थी। जिसको लेकर मंगलवार को राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार एवं जिलाधिकारी ने ब्रह्मचारी घाट का निरीक्षण किया।महासभा द्वारा दिए गए ज्ञापन में कहा गया था कि ब्रह्मचारी घाट पर पर्यटन विभाग द्वारा करोड़ों रुपये की लागत से सौंदर्यीकरण, सीढ़ियों के निर्माण आदि कार्य स्वीकृत किए गए थे, जिसका शिलान्यास मार्च 2024 में हुआ था और कार्य प्रारंभ भी कर दिया गया था। लेकिन जुलाई 2024 की बाढ़ में घाट की फाउंडेशन संरचना बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और वहां डाली गई मिट्टी बह गई। इसके पश्चात लगभग एक वर्ष तक कार्य ठप पड़ा रहा। अब जबकि मानसून पुनः सक्रिय हो चुका है, कार्य को कुछ समय पूर्व दोबारा शुरू कर दिया गया था। हिन्दू महासभा का आरोप था कि जानबूझकर कार्य ऐसे समय में शुरू किया गया जब बारिश का मौसम निश्चित है, जिससे कार्य की गुणवत्ता जांचना असंभव हो जाएगा और वास्तविक कार्य से अधिक भुगतान दर्शाकर सरकारी बजट का दुरुपयोग किया जा सकेगा। संगठन ने यह भी कहा था कि पहले से किए गए कार्यों की निष्पक्ष जांच नितांत आवश्यक है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि सार्वजनिक धन का सदुपयोग हुआ या दुरुपयोग।मामले की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार को प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार एवं जिलाधिकारी ने ब्रह्मचारी घाट का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और किसी भी प्रकार की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।