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बाढ़ से बचाव के नाम पर हर साल करोड़ों की योजनाएं बनती हैं,लेकिन धरातल पर उसका कोई असर नहीं दिखता

बाढ़ से बचाव के नाम पर हर साल करोड़ों की योजनाएं बनती हैं,लेकिन धरातल पर उसका कोई असर नहीं दिखता

पूरनपुर,पीलीभीत।शारदा नदी के किनारे बसी राहुल नगर मजदूर बस्ती के निवासी एक बार फिर बारिश के मौसम में अपनी किस्मत को कोसने को मजबूर हैं। साल दर साल बाढ़ का पानी उनके घरों में घुसता है, लेकिन इस बार उन्होंने चुप्पी तोड़कर सरकारी राहत व्यवस्था की पोल खोल दी है। ग्रामीणों का कहना है कि मामूली बारिश में भी गांव की गलियां कीचड़ से लबालब भर जाती हैं और शारदा नदी में जलस्तर बढ़ते ही पूरा गांव जलमग्न हो जाता है। राहत और बचाव कार्यों को लेकर लोगों में गहरी नाराजगी है बस्ती के लोगों का आरोप है कि प्रशासन केवल दिखावे के लिए तैयारियां करता है। जब पानी चढ़ता है, तब सिर्फ कैमरे आते हैं, राशन और दवा नहीं, गांव की महिला लालता देवी ने तीखे लहजे में कहा। स्थानीय निवासियों का दावा है कि बाढ़ से बचाव के नाम पर हर साल करोड़ों की योजनाएं बनती हैं, लेकिन धरातल पर उसका कोई असर नहीं दिखता। अमरावती नामक महिला ने बताया कि मिट्टी भराव या तटबंध जैसे कार्य केवल कागजों में पूरे दिखाए जाते हैं। काम फाइलों में होता है, पानी हमारे घरों और बिस्तरों में घुसता है। गांव के लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधान चुनाव के बाद से गांव में कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ। अब हालात यह हो गए हैं कि बच्चे बिस्कुट और पानी पर दिन काटते हैं, और बीमारियों का खतरा हर तरफ मंडरा रहा है।
इस सबके बीच प्रशासन का दावा है कि वह पूरी तरह सतर्क है। एसडीएम अजीत प्रताप ने कहा है कि राहत सामग्री की व्यवस्था की जा रही है और पीड़ितों को हरसंभव मदद दी जाएगी। हालांकि, स्थानीय लोगों का भरोसा अब इन दावों से डगमगाने लगा है। वे केवल राहत की नहीं, स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं।

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