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खबर का असर: फर्जी और अवैध कक्षाओ का संचालन कर रहे स्कूलों पर विभाग ने कसा शिकंजा, एफआईआर के साथ लगेगा जुर्माना

खबर का असर: फर्जी और अवैध कक्षाओ का संचालन कर रहे स्कूलों पर विभाग ने कसा शिकंजा, एफआईआर के साथ लगेगा जुर्माना

पूरनपुर, कलीनगर, माधोटांडा, घुंघचाई, सेहरामऊ,   में फर्जी स्कूलों का मकड़जाल, अवैध कक्षाओं से छात्रों का भविष्य चौपट कर ठगी कर रहे संचालक

पीलीभीत। फर्जी (बिना मान्यता प्राप्त) और अवैध कक्षाओं का संचालन कर रहे स्कूलों पर शिक्षा विभाग ने शिकंजा कसा है। समाचार भारत 24 में खबर प्रसारित होने के बाद खंड शिक्षा अधिकारी ने नोडल संकुल प्रभारियों को  जारी कर स्कूलों को चिन्हित करने का आदेश जारी किया है। फर्जी स्कूल और अवैध कक्षाओं का संचालन होने पर एफआईआर और जुर्माना बसूला जाएगा। जिला प्रशासन के सख्त आदेशों के बावजूद कलीनगर, माधोटांडा, पूरनपुर, घुंघचाई, सेहरामऊ उत्तरी सहित अन्य गांव में शिक्षा विभाग की मिलीभगत से बिना मान्यता के फर्जी स्कूल बेरोकटोक संचालित हो रहे है। अधिकांश संचालक स्कूलों के मानक भी पूरी नहीं कर रहे हैं। अट्रेंड शिक्षकों द्वारा नौनिहालों को शिक्षा दी जा रही है। कई स्कूल संचालकों ने पाचवीं और आठवीं की मान्यता होने के बाद भी 10वीं और 12वीं तक की कक्षाएं संचालित कर रखी है तो कई स्कूल छप्परों और तीन शेड में चल रहे है। बिना मान्यता के चल रहे निजी स्कूल संचालकों द्वारा विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

 

3 दिन पहले समाचार भारत 24 ने मामले को प्रमुखता से लेकर पूरनपुर, कलीनगर, माधोटांडा, घुंघचाई, सेहरामऊ,   में फर्जी स्कूलों का मकड़जाल, अवैध कक्षाओं से छात्रों का भविष्य चौपट कर ठगी कर रहे संचालक

खबर प्रमुखता से प्रसारित की थी। इसको लेकर शिक्षा विभाग हरकत में आ गया। पूरनपुर खंड शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र विक्रम ने बीआरसी क्षेत्र के सभी नोडल संकुल प्रभारी को आदेश जारी कर बिना मान्यता प्राप्त और अतिरिक्त कक्षाओं को संचालन करने वाले स्कूलों की रिपोर्ट मांगी है।


खुद के नियम मानते है निजी स्कूल संचालक 

आज के जमाने में अपने बच्चों को पढ़ाना बड़ा कठिन हो गया है एक तरफ तो मंहगाई ओर उपर से स्कूलों की मन मानी। सरकार भले ही नई शिक्षा नीति से तमाम परिवर्तन का ढिंढोरा पीट रही हो, लेकिन निजी स्कूलों की निगरानी का कोई तंत्र नहीं है।पूरनपुर तहसील क्षेत्र में बड़ी संख्या में प्राईवेट स्कूल संचलित हो रहे है।कई स्कूल ऐसे है जिनकी मान्यता कक्षा 5 से 8 तक की है। लेकिन ऐसे स्कूलों में हाईस्कूल से इंटर तक कक्षाएं संचालित हो रही है।इन स्कूलों में न तो योग्य शिक्षक हैं, न ही छात्रों को सुरक्षित और आधुनिक शैक्षिक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इसके अलावा, स्कूलों की बुनियादी सुविधाओं की कमी, जैसे साफ-सफाई, उचित शौचालय, खेल-कूद की सुविधाएं और सुरक्षित परिवहन, छात्रों के लिए गंभीर खतरे का कारण बन रहे हैं।


सेहरामऊ उत्तरी में शिक्षा के नाम पर मची लूट

सेहरामऊ उत्तरी थाना क्षेत्र में शिक्षा और बच्चों की सुरक्षा दोनों ही बड़े खतरे में हैं। किताबें और फीस के नाम पर अभिभावकों की जेब पर डाका डाला जा रहा है। इलाके के जोगराजपुर समेत दर्जनों गांवों में कई प्राइवेट स्कूल सरकारी नियमों को अनदेखा कर धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। शिक्षा विभाग और प्रशासन की मिलीभगत से हाईस्कूल व इंटरमीडिएट तक की कक्षाएं बिना किसी मान्यता के चलाई जा रही हैं।ग्रामीणों के अनुसार, बिना भवन सुरक्षा प्रमाणपत्र, योग्य शिक्षकों, प्रयोगशाला या पुस्तकालय जैसी बुनियादी सुविधाओं के बावजूद स्कूल संचालक मोटी फीस वसूल रहे हैं। सरकारी नियमों को ताक पर रखकर गांव-गांव में अवैध स्कूलों का जाल बिछा दिया गया है, मगर जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं।

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शिक्षा के साथ खतरे में छात्रों का जीवन

छप्परपोश, खपरैल व टीनशेड में संचालित स्कूलों से अक्सर छात्रों पर खतरा मंडराता रहता है। कुछ निजी स्कूल संचालकों के खटारा बाहन भी बच्चों के जीवन संकट में डाल रहे हैं। अभिभावक जानकारी के अभाव और मजबूरी में बच्चों को ऐसे स्कूलों में भेजने को विवश हैं। स्कूलों के साथ-साथ स्कूली वाहनों में भी भारी अनियमितताएं देखने को मिल रही हैं। शनिवार सुबह सेहरामऊ इलाके में एक बड़ा हादसा टल गया, जब शराब के नशे में धुत एक चालक ने स्कूली ईको वैन बिजली के पोल से टकरा दी और वैन खेत में पलट गई। गनीमत रही कि बच्चे बाल-बाल बच गए।गांव-गांव में चल रहे इन मानक विहीन स्कूलों पर आखिर कब शिक्षा विभाग सख्त कार्रवाई करेगा? यह सवाल अब क्षेत्रीय अभिभावकों और सामाजिक संगठनों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।


बिना मान्यता और अवैध कक्षाओं का संचालन नही होने दिया जाएगा। पूरनपुर और कलीनगर क्षेत्र के सभी नोडल संकुल प्रभारी को पत्र जारी कर इसकी रिपोर्ट मांगी गई है।

वीरेंद्र विक्रम खंड शिक्षा अधिकारी, पूरनपुर


रिपोर्ट- विकास सिंह 

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