भौतिकी को जन-जन तक पहुंचाने को अन्वेषिका फिजिक्स भारत यात्रा पहुंची पीलीभीत
अवध पब्लिक स्कूल में मशाल सौंपने के साथ शुरू हुई जिले की चार दिवसीय शैक्षिक यात्रा

भौतिकी को जन-जन तक पहुंचाने को अन्वेषिका फिजिक्स भारत यात्रा पहुंची पीलीभीत
अवध पब्लिक स्कूल में मशाल सौंपने के साथ शुरू हुई जिले की चार दिवसीय शैक्षिक यात्रा
पीलीभीत।छात्रों में विज्ञान और विशेष रूप से भौतिक शास्त्र के प्रति रुचि को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से देशभर में चलाई जा रही अन्वेषिका फिजिक्स भारत यात्रा शनिवार को पीलीभीत पहुंची।यात्रा की प्रतीक इलेक्ट्रॉनिक मशाल को अवध पब्लिक स्कूल में भव्य कार्यक्रम के दौरान समाज और विद्यालय समुदाय को सौंपा गया। इस अवसर पर छात्रों, शिक्षकों और विज्ञान प्रेमियों में उत्साह का माहौल देखने को मिला।कार्यक्रम में समाधान आईएपीटी अन्वेषिका के समन्वयक लक्ष्मीकांत शर्मा ने मशाल को विद्यालय के एमडी आशीष मिश्रा, प्रधानाचार्य आरती मिश्रा और शिक्षकों प्रखर त्रिवेदी,श्वेता दुबे,दीक्षा सैनी, गीता लोधी, पूर्व जायसवाल, तरण अली शाह, निहारिका,कुमकुम दुबे, ममता गंगवार, संतोष खरे, गीता देवी और सुरेश कुमार को सौंपा।समन्वयक लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया कि 7 जुलाई से 10 जुलाई तक पीलीभीत के विभिन्न विद्यालयों और संस्थानों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान छात्रों को प्रयोग आधारित भौतिकी, वैज्ञानिक पद्धतियों और रचनात्मक सोच के लिए प्रेरित किया जाएगा। आयोजन में इंटरएक्टिव सत्र, डेमो प्रयोग, खुला प्रश्न मंच और शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण जैसी गतिविधियाँ सम्मिलित हैं।यह यात्रा भारतीय भौतिक शिक्षक संघ और राष्ट्रीय अन्वेषिका नेटवर्क ऑफ इंडिया की एक पहल है, जो पूरे देश के 41 अन्वेषिका केंद्रों से होते हुए वर्षभर चलेगी। यात्रा 5 मई 2025 को जम्मू-कश्मीर से आरंभ हुई और 9 मई 2026 को कानपुर में संपन्न होगी।पीलीभीत के बाद यह यात्रा बड़ौत (जनता वैदिक अन्वेषिका) की ओर रवाना होगी। साथ ही शाहजहांपुर, लखीमपुर-खीरी, बरेली और बदायूं में भी कार्यक्रमों के आयोजन की योजना है।लक्ष्मीकांत शर्मा ने कहा कि आज के युग में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना अत्यंत आवश्यक है। यह यात्रा छात्रों को सिर्फ पाठ्यक्रम की सीमाओं तक नहीं, बल्कि खुले प्रश्न पूछने, प्रयोग करने और समझने की स्वतंत्रता देकर उन्हें भविष्य के नवाचारकर्ता के रूप में तैयार करने का एक प्रयास है।उन्होंने यह भी बताया कि विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज़ के क्षेत्रों तक इस अभियान को पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि वहां भी शिक्षा की रोशनी पहुंचे और प्रतिभाएं उभर सकें।