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श्री राम- भरत मिलाप प्रसंग सुन श्रद्धालु हुए भावुक, जयकारों से गूंजा पंडाल

श्री राम- भरत मिलाप प्रसंग सुन श्रद्धालु हुए भावुक, जयकारों से गूंजा पंडाल

बिलसंडा/पीलीभीतनगर के हनुमान मंदिर पर आयोजित नौ दिवसीय श्री रामकथा के दौरान कथा वाचक पं अम्बरीष तिवारी ने रविवार को राम-भरत मिलाप प्रसंग का मार्मिक वर्णन किया। इस मार्मिक वर्णन को सुनकर पंडाल में बैठे श्रद्धालु भावुक हो उठे। प्रसंग में बताया गया कि जब भरत अपने पिता राजा दशरथ की मृत्यु का समाचार सुनकर ननिहाल से वापस लौटे।वह राम और लक्ष्मण के वनवास जाने की बात को सुनकर अत्यंत दुखी होते हैं।वह प्रभु राम,सीता और लक्ष्मण को वापस लाने के लिए वन की ओर निकल पड़ते हैं।चित्रकूट में प्रभु राम से मिलकर उन्हें पिता दशरथ के देहांत का समाचार सुनाते हैं और वापस अयोध्या चलने का आग्रह करते हैं। भगवान राम अपने पिता के वचन को न तोड़ने की बात कहते हुए भरत को अपनी पादुका देकर उन्हें विदा करते हैं। भाई भरत प्रभु श्री राम की पादुका को अयोध्या राज सिंहासन पर रख देते हैं और खुद सन्यासी का जीवन व्यतीत करते हुए अयोध्या का राजपाट संभालते हैं।राम-भरत मिलाप का मार्मिक प्रसंग सुन पंडाल में बैठे भक्तगण भावुक हो जाते हैं।कथा के दौरान राजेश मिश्रा,रजनीश मिश्रा,भोलानाथ जायसवाल,राकेश शर्मा सहित भक्तगण मौजूद रहे।

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