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श्री गुरु अर्जुनदेव जी के शहिदी दिवस को समर्पित ग्रामीणों ने किया छबील का आयोजन

श्री गुरु अर्जुनदेव जी के शहिदी दिवस को समर्पित ग्रामीणों ने किया छबील का आयोजन

हजारा,पीलीभीत। सिक्ख धर्म के पांचवें गुरू श्रीगुरु अर्जुनदेव जी के शहिदी दिवस के अवसर पर ग्रामीणों ने ठंडे मीठे जल की छबील लगाई। यह छबील श्रीगुरु अर्जुनदेव जी के सम्मान में तथा उनके द्वारा दिये गये बलिदान की याद में थी। इस दौरान ग्रामीणों ने बड़े उत्साह के साथ हर आने जाने वाले राहगीरों को रोककर चने का प्रसाद तथा ठंडा शर्बत पिलाया।पीलीभीत जनपद की पूरनपुर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम भरजूनियां फार्म में ग्रामीणों के द्वारा हर साल की तरह इस बार भी आपसी सहयोग से सोमवार को शहिदों के सरताज श्री गुरु अर्जुनदेव जी के शहिदी दिवस को समर्पित ठंडे मीठे जल की छबील का आयोजन किया गया था। यह छबील पूरनपुर – कबीरगंज मार्ग पर भरजूनियां फार्म में निशान सिंह के घर के सामने टेंट में स्टाल लगाकर लगाई गई थी।छबील की शुरुआत क्षेत्रीय ऐतिहासिक गुरुद्वारा नानक साहिब खजूरिया सिद्धनगर के मुख्य ग्रंथी बाबा निशान सिंह के द्वारा शरबत के भले की अरदास करने के बाद हुई।वहीं ग्रामीणों ने सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक भीषण पड़ रही गर्मी तथा चिलचिलाती धूप में लोगों की सेवा में ठंडे मीठे जल की छबील लगाई थी।इस दौरान युवाओं के साथ साथ बच्चों ने भी बड़ी श्रद्धा भावना तथा उत्साह के साथ हर आने जाने वाले लोगों को रोककर चने का प्रसाद तथा ठंडे शर्बत का वितरण किया।यहां आपको बता दें कि श्री गुरु अर्जुनदेव जी का जन्म पंजाब के तरनतारन जिले में 15 अप्रैल 1563 को सिक्खों के चौथे गुरु श्री गुरु रामदास जी के घर हुआ था। उन्हें शांति का पुंज भी कहा जाता है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब के रचयिता श्री गुरु अर्जुनदेव जी ने हिन्दू धर्म की रक्षा करते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया था। वह सिक्ख धर्म के पहले शहीद माने जाते हैं। मुगल सम्राट जहांगीर के आदेश पर उन्हें बहुत भंयकर शारीरिक व मानसिक यातनाएं दी गईं थीं। लेकिन उन्होंने अपने सिद्दांतों से कभी समझौता नहीं किया था।आखिरकार वर्ष 1606 में मुगल शासक जहांगीर के द्वारा श्री गुरु अर्जुनदेव जी को लाहौर में शहीद कर दिया गया था। और वहीं श्री गुरु अर्जुनदेव जी का बलिदान सिक्ख धर्म के लिए सत्य, धैर्य, विश्वास तथा सेवा भाव का प्रतीक बन गया था।श्री गुरु अर्जुनदेव जी का सारा जीवन सत्य और सेवा भाव का प्रतीक रहा था। उनका शहिदी दिवस धर्म तथा मानवता की रक्षा के लिए किए गए बलिदान की हमेशा याद दिलाता है। इस दौरान निशान सिंह गुरुद्वारा साहिब के पूर्व उप प्रधान ने कहा कि श्री गुरु अर्जुनदेव जी का बलिदान सेवा और सत्य का संदेश देता है। उन्होंने आगे कहा कि यह दिन उनके बलिदान को याद करने तथा नई पीढ़ी को प्रेरणा देने के लिए भी मनाया जाता है। इस दौरान मौके पर मुख्य रूप से गुरुद्वारा नानक साहिब खजूरिया सिद्धनगर के मुख्य ग्रंथी बाबा निशान सिंह, जत्थेदार बाबा दीपा सिंह, सेवादार अमरीक सिंह, निशान सिंह, सद्दा सिंह ऊर्फ पप्पू, प्रगट सिंह, मुख्तियार सिंह, तलविंदर सिंह, बलदेव सिंह, मनदीप सिंह, रणजीत सिंह, जीत सिंह, मंगल सिंह समेत तमाम सेवादार मौजूद रहे थे।

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