राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस पर आयोजित हुआ जागरूकता कार्यक्रम, सांख्यिकी की महत्ता पर डाला गया प्रकाश
राष्ट्रीय सैंपल सर्वेक्षण के 75 साल” थीम के साथ कार्यक्रम संपन्न

राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस पर आयोजित हुआ जागरूकता कार्यक्रम,सांख्यिकी की महत्ता पर डाला गया प्रकाश
राष्ट्रीय सैंपल सर्वेक्षण के 75 साल” थीम के साथ कार्यक्रम संपन्न
पीलीभीत।समाधान आईएपीटी अन्वेषिका के तत्वावधान में शनिवार को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के अवसर पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की थीम “राष्ट्रीय सैंपल सर्वेक्षण के 75 साल” रखी गई, जिसमें सांख्यिकी के महत्व और इसके राष्ट्रीय विकास में योगदान पर विस्तार से चर्चा की गई।कार्यक्रम के दौरान आयोजित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में डॉ. राहुल, डॉ. वर्षा, डॉ. श्रुति और पीजी स्कॉलर्स ने अपनी श्रेष्ठता दिखाई और सांख्यिकीय ज्ञान का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के समन्वयक लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया कि सांख्यिकी आंकड़ों का विज्ञान है, जो नीतिगत निर्णयों और विकास के मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।उन्होंने महान वैज्ञानिक डॉ. प्रशांत चंद्र महालनोबिस के योगदान को याद करते हुए बताया कि उनके जन्मदिवस 29 जून को उनकी स्मृति में राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है। डॉ. महालनोबिस ने न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सांख्यिकी की पहचान और उपयोगिता को नई दिशा दी।कार्यक्रम में बताया गया कि राष्ट्रीय सैंपल सर्वेक्षण कार्यालय (NSSO) देश की आर्थिक और सामाजिक तस्वीर प्रस्तुत करने वाला एक प्रमुख संस्थान है, जो स्वास्थ्य, शिक्षा, बेरोजगारी जैसी बुनियादी जानकारियाँ जुटाने का कार्य करता है। इन आंकड़ों के आधार पर ही देश की विभिन्न नीतियाँ और योजनाएँ बनती हैं।
सांख्यिकी के उपयोग को रेखांकित करते हुए वक्ताओं ने बताया कि यह विज्ञान न केवल सरकारी निर्णयों, बल्कि व्यवसाय, अनुसंधान, शिक्षा, मौसम पूर्वानुमान, खेल, गुणवत्ता नियंत्रण और सामाजिक विज्ञान के क्षेत्रों में भी अत्यंत उपयोगी है। यह डेटा विश्लेषण, भविष्यवाणी और निर्णय लेने में सहायक होता है।कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि अन्वेषिका संस्था द्वारा निरंतर सांख्यिकी जागरूकता के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे समाज में इस विषय की उपयोगिता और समझ को नई गति मिल रही है।कार्यक्रम में विद्यार्थियों, शिक्षकों और गणमान्य लोगों की सक्रिय भागीदारी रही। सभी ने एक स्वर में सांख्यिकी को एक निर्णायक और उपयोगी विज्ञान मानते हुए इसे भविष्य की दिशा निर्धारण का आधार बताया।