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राघवपुरी गुरुद्वारे में 16 जून को होगा सम्मेलन, धर्म पर डगमगाए परिवारों से मिलकर किया संवाद

राघवपुरी गुरुद्वारे में 16 जून को होगा सम्मेलन, धर्म पर डगमगाए परिवारों से मिलकर किया संवाद

पूरनपुर,पीलीभीत।भारत-नेपाल सीमा से सटे पीलीभीत जिले के कुछ गांवों में हाल ही में सामने आईं धार्मिक पहचान बदलने की घटनाओं ने सामाजिक संगठनों को सक्रिय कर दिया है। खासकर सिख समुदाय इससे बेहद चिंतित है और इसके खिलाफ जनजागरण की मुहिम छेड़ी जा रही है।
भारतीय सिख संगठन की एक टीम ने टाटरगंज, कंबोज नगर, टिला नंबर चार, राघवपुरी और बाजारघाट समेत कई सीमावर्ती गांवों का दौरा किया। इस दौरान उन परिवारों से भी मुलाकात की गई जो बाहरी प्रभाव में आकर अपने मूल धर्म से दूर हो रहे हैं या मानसिक रूप से भ्रम की स्थिति में हैं। टीम के सदस्यों ने इन परिवारों से शांतिपूर्वक संवाद कर उन्हें अपने मूल विश्वास से जुड़े रहने की प्रेरणा दी। संगठन का कहना है कि सीमावर्ती इलाकों में कुछ समूह धार्मिक अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, जिनसे सजग रहने की जरूरत है। इसी कड़ी में सिख समाज की ओर से 16 जून को राघवपुरी स्थित गुरुद्वारे में एक विशेष सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन का मकसद लोगों को अपने धर्म की मूलभावना, ऐतिहासिक मूल्यों और सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति सजग करना है।सम्मेलन में सिख समुदाय के वरिष्ठ संत, सामाजिक नेता और विचारक हिस्सा लेंगे। वे युवाओं को आस्था, एकता और सामुदायिक मूल्यों के संरक्षण के लिए जागरूक करेंगे। आयोजकों ने स्थानीय नागरिकों से अपील की है कि वे कार्यक्रम में भाग लेकर धर्म और सामाजिक सौहार्द के संदेश को मजबूत करें।जिले के हजारा थाने में भी कुछ मामलों की रिपोर्ट दर्ज की गई है, और स्थानीय प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है। संगठन ने प्रशासन से आग्रह किया है कि वह सीमावर्ती गांवों में होने वाली ऐसी गतिविधियों पर सख्ती से नजर रखे।

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