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ईसाई बने सिख समुदाय के 61 लोगों ने की घर वापसी

ईसाई बने सिख समुदाय के 61 लोगों ने की घर वापसी

हजारा,पीलीभीत।इंडो नेपाल सीमावर्ती कई गांवो में ईसाई धर्म को स्वीकार चुके कई सिख परिवारों ने घर बापसी कर सिख धर्म में दिखाई अपनी आस्था जताई।उन्हें लालच, प्रलोभन, बहला फुसलाकर ईसाई धर्म स्वीकार कराया गया था।जिन्हें राघवपुरी गुरुद्वारा साहिब में भारतीय सिख संगठन के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम के दौरान घर वापसी कराई गई। पीलीभीत जनपद की पूरनपुर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत इंडो नेपाल सीमावर्ती गांवों सिंघाड़ा उर्फ टाटरगंज, राघवपुरी,बाजारघाट बैल्हा आदि गांवों में धर्म परिवर्तन का मामला पिछले कई वर्षों से चलता आ रहा था।जिन्हें ईसाई मिशनरियों द्वारा लोगों को लालच, प्रलोभन व बहला फुसलाकर ईसाई धर्म स्वीकार कराया गया था। धर्म परिवर्तन करने का खेल तब सामने आया जब बाजारघाट बैल्हा में चर्च का निर्माण किया जाने लगा।जिसकी जानकारी होने पर गुरुद्वारा सिंह सभा नानक नगरी बैल्हा की प्रबंधक कमेटी ने इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी। जिस पर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने तुरंत मौके पर पहुंच कर चर्च के निर्माण कार्य को रुकवा दिया था।वहीं दूसरी ओर गुरुद्वारा सिंह सभा बैल्हा की प्रबंध कमेटी ने इस मामले को लेकर सिक्ख पंजाबी वेल्फेयर काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरपाल सिंह जग्गी से मुलाकात कर उन्हें अपने क्षेत्र में धर्म परिवर्तन के मामले की जानकारी दी।जिस पर संज्ञान लेते हुए हरपाल सिंह जग्गी ने बैल्हा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को साथ लेकर पुलिस अधीक्षक व जिलाधिकारी पीलीभीत से मुलाकात कर क्षेत्र में हो रहे धर्म परिवर्तन की जानकारी दी थी। जिसके बाद यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर खबरों की सुर्खियां बन गया था।वहीं इस मामले के तूल पकड़ने के बाद भारतीय सिख संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जसबीर सिंह विर्क के नेतृत्व में सोमवार को राघवपुरी गुरुद्वारा साहिब में घर वापसी को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।इस कार्यक्रम में पहुंची विभिन्न सिख जत्थेबंदियों के जत्थेदारों जिसमें मुख्य रूप से गुरुद्वारा नानक साहिब खजूरिया सिद्धनगर के जत्थेदार बाबा दीपा सिंह,महंगापुर गुरुद्वारा साहिब के मुख्य जत्थेदार संत बाबा गुरनाम सिंह,गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब के डायरेक्टर बाबा गुरबाज सिंह समेत कई अन्य सिख संगठनों की मौजूदगी में लगभग साठ परिवारों की सिख धर्म में वापसी कराई की गई ।जिन्हें संत बाबा गुरनाम सिंह, बाबा दीपा सिंह तथा अन्य जत्थेदारों के द्वारा सरोपाओ पहनाकर उनका जोरदार स्वागत किया गया था।वहीं घर वापसी कर चुके लोगों ने सबसे पहले गुरूद्वारा साहिब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के सामने मत्था टेक कर प्रसाद ग्रहण किया।यहां आपको याद दिला दें कि पिछले महीनें भी विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री सोहन सोलंकी तथा भारतीय सिख संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जसबीर सिंह विर्क के नेतृत्व में गुरुद्वारा टाटरगंज में भी एक कार्यक्रम आयोजित कर लगभग डेढ़ सौ लोगों की घर वापसी कराई गई थी।इस दौरान भारतीय सिख संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जसबीर सिंह विर्क ने गरीबी, अशिक्षा व बेरोजगारी धर्म परिवर्तन की मुख्य वजह बताई है।उन्होंने आगे कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य धर्म परिवर्तन की गतिविधियों पर अंकुश लगाना और सिक्ख धर्म में वापस लौटे लोगों सामाजिक समर्थन है। वहीं घर वापसी किये गये कुछ लोगों का कहना था कि पादरियों द्वारा गुमराह किये जाने के कारण उन्होंने धर्म परिवर्तन कर लिया था। लेकिन अब अपनी स्वेच्छा से अपने सिक्ख धर्म में वापस आ गये हैं।इस दौरान मौके पर मुख्य रूप से महंगापुर गुरुद्वारा साहिब के मुख्य जत्थेदार बाबा गुरनाम सिंह, ऐतिहासिक गुरुद्वारा नानक साहिब खजूरिया सिद्धनगर के जत्थेदार बाबा दीपा सिंह, बाबा सुरजन सिंह मल्लपुरी, बाबा गुरविंदर सिंह लौकीया फार्म, बाबा हरजिंदर सिंह लखीमपुर खीरी, भारतीय सिक्ख संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जसबीर सिंह विर्क, नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब के डायरेक्टर गुरबाज सिंह, जरनैल सिंह बैल्हा, परमजीत सिंह सचिव बैल्हा गुरुद्वारा कमेटी से, पाल सिंह जिलाध्यक्ष, सुरेन्द्र सिंह गिल तहसील अध्यक्ष, दलजीत सिंह, अमरीक सिंह, सुरजीत सिंह, कामरेड मंजीत सिंह समेत काफी संख्या में जत्थेदार व क्षेत्रीय संगत मौजूद रही।

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