20 वर्षों से पुश्तैनी जमीन को कब्जामुक्त कराने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रही महिला धरने पर बैठी
प्रशासनिक व्यवस्था से थक हारकर वो अपने पुत्र के साथ तहसील परिसर में अनशन पर बैठ गईं

20 वर्षों से पुश्तैनी जमीन को कब्जामुक्त कराने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रही महिला धरने पर बैठी
प्रशासनिक व्यवस्था से थक हारकर वो अपने पुत्र के साथ तहसील परिसर में अनशन पर बैठ गईं
प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा महिला को जल्द कार्रवाई का आश्वासन देकर धरना समाप्त कराया
पीलीभीत।पलिया तहसील क्षेत्र के ग्राम नगला निवासी संजीदा बेगम बीते 20 वर्षों से अपनी पुश्तैनी जमीन को कब्जामुक्त कराने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रही हैं, लेकिन अब तक उन्हें न्याय नहीं मिल सका। बुधवार को प्रशासनिक व्यवस्था से थक हारकर वह अपने पुत्र अफजल के साथ तहसील परिसर में अनशन पर बैठ गईं।
पीड़िता का आरोप है कि गांव के ही एक व्यक्ति ने उनकी जमीन पर कब्जा कर रखा है। इस संबंध में कई बार शिकायत की गई, यहां तक कि उपजिलाधिकारी स्तर से आदेश भी पारित हो चुका है।लेकिन स्थानीय राजस्व विभाग के कर्मचारी सहयोग नहीं कर रहे हैं।संजीदा बेगम ने बताया कि अब तक संबंधित लेखपाल और कानूनगो को वह लगभग 50 हजार रुपये दे चुकी हैं, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला। हाल ही में कानूनगो द्वारा 20 हजार रुपये और मांगे गए, जबकि वह आर्थिक रूप से इस स्थिति में नहीं हैं कि और पैसा दे सकें।पुत्र अफजल, जो पेशे से पत्रकार हैं, ने कहा कि जब एक पत्रकार को भी न्याय के लिए भूख हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़े, तो आम जनता की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब तक जमीन कब्जामुक्त नहीं कराई जाती, वे अनशन समाप्त नहीं करेंगे। उधर, कानूनगो प्रवीन कुमार ने स्वयं पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संजीदा बेगम से मेरी कोई बातचीत नहीं हुई और न ही मैं उन्हें जानता हूं। सभी आरोप निराधार हैं।इस बीच, प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा पीड़िता को जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया गया, जिसके बाद संजीदा बेगम और उनके पुत्र ने अनशन समाप्त कर दिया।